The best Side of sidh kunjika
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नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ more info करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।